रिपोर्टर: संदीप गाड़े, नाशिक | नाशिक: औद्योगिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध एमआईडीसी अंबड क्षेत्र आज अपनी टूटी-फूटी सड़कों की वजह से बदहाली का प्रतीक बन गया है। सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि वाहन चालकों और स्थानीय नागरिकों के लिए रोजमर्रा की यात्रा एक सजा बन चुकी है।
जहां एक ओर सरकार और प्रशासन औद्योगिक विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वहीं दूसरी ओर अंबड एमआईडीसी की सड़कें गड्ढों से भरी पड़ी हैं, जिनसे रोजाना दुर्घटनाओं और वाहनों के नुकसान की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। दोपहिया और चारपहिया वाहनों के टायर, शॉक-एब्ज़ॉर्बर, और अन्य पार्ट्स को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इन सड़कों से गुजरना अब जीवन के लिए जोखिम बन गया है। बारिश के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है — गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क और गड्ढे में फर्क करना मुश्किल हो जाता है।
केवल वाहन ही नहीं, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर असर देखा जा रहा है। लगातार झटके लगने से कई लोगों को कमर दर्द, घुटने और रीढ़ की हड्डी से संबंधित ऑर्थो समस्याएं हो रही हैं। बुजुर्गों और बच्चों के लिए तो यह स्थिति और भी कठिन है।
स्थानीय उद्योगपतियों का कहना है कि खराब सड़कों की वजह से कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल की ढुलाई में देरी होती है, जिससे उद्योगों की उत्पादकता पर सीधा असर पड़ता है।
निवासियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने कई बार एमआईडीसी प्रशासन और नाशिक महानगरपालिका को शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जनता का कहना है कि टैक्स और शुल्क तो नियमित रूप से वसूले जाते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता।
“जनता अब चाहती है जवाब, और सरकार से उम्मीद करती है कि इस समस्या का त्वरित समाधान किया जाए।”








